समुद्र का विज्ञान( Ocean science) ओशॅनोग्राफी में करियर कैसे बनाये।

Brijesh Yadav
0

समुद्र का विज्ञान (Ocean science) ओशॅनोग्राफी


ओशॅनोग्राफी समुद्र के अनगिनत रहस्यों को समझने, पढ़ने, और शोध करने का बहुआयामी तरीका है। समुद्री पर्यावरण के क्षेत्र में अध्ययन तथा अनुसंधान करने वाले विद्यार्थियों के लिए ओशॅनोग्राफी करियर के रूप में उभरा है। समुद्र में आए दिन तुफानों और आपदा प्रबंधन योजनाओं के बढ़ते महत्व के कारण ओशॅनोग्राफी में विद्यार्थियों की रुची बढ़ती जा रही है। भारत में समुद्र की लम्बाई-चौड़ाई को देखते हुए ओशॅनोग्राफी में बेहतर करियर है।

प्रयोगशाला से लेकर फील्डवर्क तक फैले इस काम का हिस्सा बनने के लिए विज्ञान या इंजीनियरिंग में स्नातक के बाद ओशॅनोग्राफी में मास्टर्स कोर्स जरूरी है।
हाल के वर्षों में ओशॅनोग्राफी एक फायदेमंद करियर के रूप में उभरा है। इसकी एक बड़ी वजह भारत के पास काफी बड़ा समुद्रतट और इसके समुद्रीय पर्यावरण की बड़े पैमाने पर खोज नहीं होना है। यह समुद्रीय पर्यावरण में अध्ययन करने और अनुसंधान करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए बड़े पैमाने पर अवसर उपलब्ध कराती है। हाल में आए कई समुद्री तूफानों में लाखों लोगों की जान गई। इन तूफानों की संभावना के बारे में जानना अनेक बड़ी विपत्तियों को टाल सकता है। यही वजह है कि आपदा प्रबंधन योजनाओं के महत्व बढऩे के कारण ओशॅनोग्राफी में भी रुचि बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर धरातलीय संसाधनों की घटती मात्रा और समुद्रीय संसाधनों की प्रचुरता ने इस ओर ध्यान देने के लिए प्रेरणा का काम किया है, साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिकों व उद्यमियों की जागरूकता के कारण समुद्री विज्ञान बहुत तेजी से विकास कर रहा है। परिणाम के रूप में ओशॅनोग्राफर की मांग पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है ताकि आने वाले सालों में तटीय पानी और सीमाओं, मौसम की भविष्यवाणी और समुद्री तत्वों के रखरखाव के लिए अधिक से अधिक पेशेवरों की जरूरत को पूरा किया जा सके।

क्या है ओशॅनोग्राफी


ओशॅनोग्राफी एक बहुआयामी विज्ञान है, जो समुद्र के अनगिनत रहस्यों को समझने की कोशिश करता है। इसका उद्देश्य, समुद्र के बारे में पढऩा और समुद्री संसाधनों को खोजना है। ओशॅनोग्राफी शोध आधारित पेशा है और उन लोगों के लिए उपयुक्त है, जिसमें साहसिक बोध और समुद्र क्षेत्र की अनजानी दुनिया को जानने का जोखिम उठाने की इच्छा के साथ अपने आसपास की दुनिया के प्रति प्राकृतिक जिज्ञासा है। रोमांच के तत्व और मुख्य रूप से आउटडोर में कार्य करना भी ओशॅनोग्राफर के लिए बड़ा आकर्षण साबित हो रहा है।

क्या काम करते हैं ओशॅनोग्राफर


पूरी तरह से समुद्री दुनिया से जुड़े इस काम की प्रकृति विशेष शाखा के अनुरूप निर्धारित होती है और इसके क्षेत्र में प्रयोगशाला से लेकर फील्ड वर्क यानी समुद्र में नमूनों को इकट्ठा करने, तथ्यों का विश्लेषण करने, सर्वे और अध्ययन करने, सामने आने वाली समस्याओं का हल खोजने तक शामिल है।

निजी क्षेत्र में, समुद्री उत्पादों और शोध से जुड़ी कंपनियां सही योग्यता वाले उम्मीदवार की खोज में रहती हैं। भारत में समुद्री तटों की लम्बाई-चौड़ाई को देखते हुए समुद्री उत्पादों पर निर्भर कंपनियों के लिए अपार अवसर हैं। सरकारी और निजी संगठनों द्वारा चलाए जाने वाले शोध प्रोजेक्ट, सी फार्मिंग, ऊर्जा उत्पन्न करने वाली लहरों और ज्वार-भाटा का पता लगाने जैसे कामों में फ्रीलांसर या सलाहकार के रूप में भी काम कर सकते हैं।

यहां से करें कोर्स



  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशॅनोग्राफी, गोवा

www.nio.org/


  • केरल युनिवर्सिटी ऑफ फिशरी एंड ओशियन स्टडीज, केरल

www.kufos.ac.in/


  • डिपार्टमेंट ऑफ मेरीन साइंस, युनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता

www.caluniv.ac.in/

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)
CLOSE ADS
CLOSE ADS