Part -3 : खुद की(Private limited) कंपनी कैसे खोलें। (PVT. LTD) कंपनी को रजिस्टर्ड कैसे कराये।

Brijesh Yadav
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संस्था के अंतर्नियम का सत्यापन, स्टाम्पन और हस्ताक्षर
पंजीकरण के लिए जमा करने से पहले संस्था के अंतर्नियम की ध्यान से और बारीकी से जाँच (वेटिंग) कर लेने में समझदारी है, क्योंकि उसमें कारोबार का इरादा और उसकी सीमा परिभाषित रहती है।

संस्था के बहिर्नियम और अंतर्नियम में कारोबार की भावी संभावनाओं का उल्लेख होना चाहिए, ताकि बाद में संशोधन करने से बचा जा सके।

वेटिंग प्रक्रिया के लिए कंपनियों के रजिस्ट्रार से सलाह ली जा सकती है।
कंपनियों के रजिस्ट्रार से सत्यापन के बाद संस्था के बहिर्नियम और अंतर्नियम को छपवा लें।

संस्था के बहिर्नियम और संस्था के अंतर्नियम की स्टांपिंग

संस्था के बहिर्नियम और संस्था के अंतर्नियम को अंतिम रूप देने का बाद, उसपर स्टाम्प्स के रजिस्ट्रार के यहाँ स्टाम्प लगवाने की जरूरत होती है।

स्टाम्प शुल्क कंपनी की प्राधिकृत शेयर पूँजी पर निर्भर करती है, जो संस्था के बहिर्नियम और संस्था के अंतर्नियम में दी गई है।

संस्था के अंतर्नियम और संस्था के बहिर्नियम पर स्टाम्प शुल्क Stamp Duty for Memorandum and Articles of Association और स्टाम्पिंग के बारे में अकसर पूछे जानेवाले प्रश्नों FAQ of estamping के लिए क्लिक करे
संस्था के बहिर्नियम और संस्था के अंतर्नियम पर हस्ताक्षर

कंपनी के पंजीकरण के लिए संस्था के बहिर्नियम और संस्था के अंतर्नियम की स्टाम्पित और हस्ताक्षरित प्रतियाँ जमा करने की जरूरत पड़ेगी।

संस्था के बहिर्नियम और संस्था के अंतर्नियम के समर्थन के लिए कम से कम दो समर्थनकर्ताओं की जरूरत होती है। हर समर्थनकर्ता के बारे में निम्नलिखित जानकारी होनी चाहिएः

क) पिता का नाम

ख) पिता का व्यवसाय

ग) स्थायी पता

घ) अभ्यर्थी द्वारा अभिदत्त शेयरों की संख्या
ii. हस्ताक्षर प्रक्रिया में कम से कम एक प्रोफेशनल (वकील, सीए या अधिवक्ता) को बतौर गवाह होना चाहिए।

 iii. सुनिश्चित करें कि संस्था के बहिर्नियम और संस्था के अंतर्नियम स्टाम्पिंग की तारीख के बाद निष्पादित और हस्ताक्षरित हों।कंपनी के निगमन के लिए अपेक्षित फॉर्म

कंपनी को पंजीकृत करने के लिए फॉर्म जमा कराने से पहले कतिपय पूर्वापेक्षाएं (निदेशक पहचान संख्या, डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र, फॉर्म-1ए, संस्था के बहिर्नियम और अंतर्नियम) अवश्य पूरी होनी चाहिए।

निगम की प्रक्रिया शुरू करने के लिए फॉर्म (फॉर्म1, फॉर्म 18और फॉर्म 32) तथा अपेक्षित दस्तावेज़ कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय तथा कंपनियों के रजिस्ट्रार के पास अवश्य जमा किए जाने चाहिए।

किसी भारतीय कंपनी को पंजीकृत करने के लिए अपेक्षित दस्तावेज
फॉर्म1

यह कंपनी के निगमन का आवेदन अथवा उसकी घोषणा है। यह बताता है कि पंजीकरण के संबंध में कंपनी अधिनियम 1956 और उसके अधीन बने सभी नियमों की सभी अपेक्षाओं का अनुपालन कर लिया गया है यह फॉर्म निदेशक अथवा कंपनी के निर्माण में लगा कोई भी अन्य विनिर्दिष्ट व्यक्ति (वकील, सीए, अधिवक्ता आदि) भर सकता है।

फार्म 18

यह पंजीकृत कार्यालय की लोकेशन अथवा उसकी लोकेशन बदलने का नोटिस है। यह कंपनी के निदेशकों में से किसी एक को भरना होता है। इसमें कंपनियों के रजिस्ट्रार को प्रस्तावित कंपनी के पंजीकृत कार्यालय की जानकारी दी जाती है।
फॉर्म 32

इस फॉर्म में प्रस्तावित कंपनी के निगमन की तारीख से निदेशक मंडल में प्रस्तावित निदेशकों की नियुक्ति की बात कही जाती है और इस पर प्रस्तावित निदेशकों में से किसी एक के हस्ताक्षर होते हैं।

फाइलिंग और पंजीकरण शुल्क की गणना के लिए इस लिंक पर क्लिक करें Calculate filing and registration fees

उपर्युक्त फॉर्म (ईमार्म 1, 18 और 32) में डिजिटल हस्ताक्षर अटैच करने और अपेक्षित फाइलिंग व रजिस्ट्रेशन फीस जमा करने के बाद कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) पोर्टल पर जमा करें Submit to the Ministry of Corporate Affairs

कंपनियों के रजिस्ट्रार के पास निम्नलिखित की फिजिकल प्रतियाँ भेजें

संस्था के बहिर्नियम व अंतर्नियम की 3 स्टांपित और हस्ताक्षरित प्रतियाँ कंपनियों के रजिस्ट्रार के पास
कंपनियों के रजिस्ट्रार द्वारा जारी किया गया नाम-उपलब्धता पत्र
संस्था के बहिर्नियम को स्वीकार करनेवाले सभी व्यक्तियों द्वारा हस्ताक्षरित शपथपत्र, जिसमें निगमन के लिए और निगमन प्रमाणपत्र प्राप्त करने के उद्देश्य से उनकी और से किसी एक स्वीकर्ता अथवा किसी अन्य व्यक्ति को अधिकृत किया गया हो।
संस्था के बहिर्नियम और अंतर्नियम में उल्लिखित कोई करार
प्रबंध निदेशक अथवा पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त किए जाने के लिए किसी व्यक्ति के साथ किया जानेवाला प्रस्तावित करार
मंत्रालय के संबंधित अधिकारी द्वारा फॉर्म अनुमोदित किए जाने के पश्चात् उसके बारे में आपको एक ईमेल मिलेगा और फॉर्म की स्थिति बदलकर अनुमोदित हो जाएगी।

Part -1 : खुद की(Private limited) कंपनी कैसे खोलें। (PVT. LTD) कंपनी को रजिस्टर्ड कैसे कराये।

Part -2 : खुद की(Private limited) कंपनी कैसे खोलें। (PVT. LTD) कंपनी को रजिस्टर्ड कैसे कराये।

Part - 4 : खुद की(Private limited) कंपनी कैसे खोलें। (PVT. LTD) कंपनी को रजिस्टर्ड कैसे कराये।

Note:- आगे की जानकारी के लिए कृपया पार्ट 4 पढ़े।

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