Kanjoos Makhichoos Movie Review in Hindi - 'कंजूस मक्‍खीचूस' का रिव्यु

Brijesh Yadav
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Kanjoos Makhichoos Movie Review in Hindi - 'कंजूस मक्‍खीचूस' का रिव्यु
Kanjoos Makhichoos Movie Review in Hindi - 'कंजूस मक्‍खीचूस' का रिव्यु 

 
ऐक्टर:
कुणाल खेमू,श्वेता त्रिपाठी,पीयूष मिश्रा,अलका अमीन,राजीव गुप्ता,राजू श्रीवास्तव

डायरेक्टर : विपुल मेहताश्रेणी:Hindi, Comedy, Family, Dramaअवधि:1 Hrs 56 Min


सिनेमाघरों में बड़े-बड़े सितारों की फिल्‍में लगातार फ्लॉप हो रही हैं। शायद यही कारण है कि छोटे बजट के निर्माताओं को अपनी फिल्मों को सीधे ओटीटी पर रिलीज करना ज्यादा फायदेमंद लग रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार, 24 मार्च को विपुल मेहता के डायरेक्‍शन में बनी 'कंजूस मक्‍खीचूस' भी जी5 पर रिलीज हुई है। फिल्‍म में कुणाल खेमू और श्‍वेता त्र‍िपाठी के साथ पीयूष मिश्रा लीड रोल में हैं।

'कंजूस मक्‍खीचूस' की कहानी - Kanjoos Makhichoos Movie Story

जैसा कि नाम से ही पता लग रहा है, 'कंजूस मक्खीचूस' लखनऊ में अपनी फैमिली के साथ रहने वाले बेहद कंजूस इंसान जमना प्रसाद पांडे (कुणाल खेमू) की कहानी है। पूजा सामग्री की दुकान चलाने वाले जमना प्रसाद की कंजूसी का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि वह रोजाना दुकान पर पूजा के बाद अगरबत्ती बुझा देता है, और इस तरह एक अगरबत्ती पूरा महीना चला लेता है। दरअसल, वह इतनी कंजूसी इसलिए कर रहा है कि मां-बाप की अधूरी इच्छा पूरी कर, उन्‍हें चार धाम की यात्रा करवा सके। आखिरकार वह अपने माता-पिता को चार धाम की यात्रा पर भेज भी देता है, लेकिन अफसोस कि 2013 की केदारनाथ त्रासदी के दौरान वो लापता हो जाते हैं।
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माता-पिता के लापता होने से परेशान जमना उन्हें तलाशने के लिए तमाम जतन करता है, लेकिन नाकाम रहता है। आखिरकार पड़ोसियों के समझाने पर वह अपने माता-पिता को मरा हुआ मानकर सरकार से मुआवजा ले लेता है। हालांकि यहां उसे रिश्वत देनी पड़ती है। जमना प्रसाद इन पैसों को माता-पिता की याद में पुण्य कार्यों और अपनी सुविधाओं के लिए खर्च कर देता है। लेकिन असली परेशानी तब शुरू होती है, जब एक दिन उसके माता-पिता लौट आते हैं। वह इस मुश्किल से कैसे निपटता है? यह जानने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी होगी।

'कंजूस मक्‍खीचूस' का रिव्‍यू - Kanjoos Makhichoos Movie Review

डायरेक्टर विपुल मेहता ने कॉमेडी के बहाने सिस्टम पर चोट करती एक फैमिली फिल्म बनाई है। जो कि न सिर्फ आपका मनोरंजन करती है, बल्कि एक संदेश भी देती है। हालांकि फिल्म में बहुत सारे मसाले डालने के चक्कर में विपुल एक अच्छी फिल्म बनाने से चूक गए है। फिल्म की साधारण सी लगने वाली कहानी शुरुआत में आपको हंसाती है, लेकिन बाद में फिल्म में कई टि्वस्ट आते हैं और यह एक फैमिली ड्रामा फिल्म में तब्दील हो जाती है।


'कंजूस मक्‍खीचूस' का ट्रेलर - Kanjoos Makhichoos Trailer





क्लाईमैक्स को काफी जोरदार बनाने की कोशिश की गई है, लेकिन यहां घटनाक्रम इतनी तेजी से घटता है कि अजीब लगता है। अगर विपुल फिल्म के स्क्रीनप्ले और स्क्रिप्ट पर थोड़ी और मेहनत करते, तो फिल्म को और बेहतर बना सकते थे।

फिल्म में कुणाल खेमू ने ठीकठाक एक्टिंग की है। जबकि बाकी कलाकारों में श्वेता त्रिपाठी, पीयूष मिश्रा, अलका अमीन और राजीव गुप्ता ने उनका पूरा साथ दिया है, वहीं दिवंगत राजू श्रीवास्तव को फिल्मी पर्दे पर देखना सुखद लगता है।

क्‍यों देखें- अगर आप वीकेंड पर घर बैठे कोई गुदगुदाने वाली फैमिली फिल्म देखना चाहते हैं, तो इस फिल्म को पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं।

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