ओवरड्राफ्ट लोन क्या है? इसके फायदे व नुकसान और ब्याज दरें - OverDraft Account Kya Hai in Hindi?

Brijesh Yadav
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ओवरड्राफ्ट लोन क्या है इसके फायदे व नुकसान और ब्याज दरें - OverDraft Account Kya Hai in Hindi
ओवरड्राफ्ट लोन क्या है इसके फायदे व नुकसान और ब्याज दरें - OverDraft Account Kya Hai in Hindi

 

  ओवरड्राफ्ट (Overdraft) एक फाइनेंशियल सुविधा है, इसके द्वारा आप अपने बैंक अकाउंट से तब भी पैसे निकाल सकते है जब उसमें पैसे ना हों। इसे ओवरड्राफ्ट’ कहा जाता है। 


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प्रत्येक ग्राहक के लिए एक ओवरड्राफ्ट सीमा तय की जाती है, जो कि उसके बैंक के साथ संबधों पर निर्भर करती है। ग्राहक निर्धारित सीमा तक ही पैसा निकाल सकता है। बैंक उन पैसों पर ब्याज लेता है जो कि ओवरड्राफ्ट के रूप में निकाले जाते है।


ओवरड्राफ्ट लोन पर ब्याज दरें

प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के बैंकों द्वारा दी जाने वाली ओवरड्राफ्ट लोन सुविधा पर ब्याज दर (Interest Rate on Overdraft) आवेदकों के लिए अलग अलग होती हैं और आवश्यक लोन राशि, भुगतान अवधि और संबंधित बैंक या फाइनेंशियल संस्थान के साथ संबंधों पर निर्भर करती है

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ओवरड्राफ्ट अकांउट की विशेषताएं

ओवरड्राफ्ट अकांउट (Overdraft) एक ऐसी सुविधा है, जिसका लाभ कोई भी बैंक अकांउट रख कर उठाया जा सकता है

अब बहुत से प्राइवेट बैंक ये सुविधा सैलरी अकांउट और सेविंग अकांउट होल्डरों को प्रदान कर रहे हैं

आपको कितनी ओवरड्राफ्ट सीमा मिलेगी, ये अकांउट हिस्ट्री, भुगतान रिकॉर्ड या क्रेडिट स्कोर के आधार पर की जाती है।

इसे बैंक द्वारा प्रदान किए गए शार्ट-टर्म लोनके रूप में भी माना जा सकता है जिसका भुगतान एक निर्धारित समय के भीतर करने की ज़रूरत होती है

यह लोन या ओवरड्राफ्ट (Overdraft) पर ब्याज लगता है

इस पुनर्भुगतान अवधि को बैंक के द्वारा निर्धारित किया जाता है और इसके अकांउट को इस्तेमाल करने का पूरा अधिकार होता है

RBI के नियमों के अनुसार, करंट अकांउट और कैश क्रेडिट अकांउट अधिक से अधिक 50,000 रु. प्रति हफ्ते ओवरड्राफ्ट (Overdraft) के लिए योग्य हैं। हालाँकि, ये सीमा पर्सनल ओवरड्राफ्ट अकांउट पर लागू नहीं होती है।

ओवरड्राफ्ट महत्वपूर्ण रूप से बैकों द्वारा प्रदान कि जाने वाली एक उपयोगी सुविधा है, क्योंकि यह पैसे की ज़रूरत के समय व्यवसाय की सहायता करती है। व्यवसायियों को आमतौर पर अपने ग्राहकों से भुगतान की रकम प्राप्त करने के लिए इंतजार करना पड़ता है और कई बार इसमें देरी हो जाती है। इस बीच पैसे की ज़रूरत पड़ने पर अपने करंट ओवरड्राफ्ट की सुविधा से व्यवसायी पैसे निकाल सकते हैं। कोई भी व्यवसायी किसी तरह के भुगतान के लिए अपने ओवरड्राफ्ट अकाउंट का चेक भी दे सकता है।


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आजकल की बैकिंग प्रणाली में, बहुत से बैंक बेसिक सेविंग और सैलरीड अकांउट पर ओवरड्राफ्ट (Overdraft) की सुविधा प्रदान करते हैं। हालांकि, यह सुविधा सभी लोगों को प्रदान नहीं की जाती है। केवल वही ग्राहक जो कि लगातार समय पर भुगतान करते हैं और जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा है वह इस सुविधा को ले सकते हैं। इससे भी अधिक,इस ओवरड्राफ्ट सुविधा में एक वार्षिक शुल्क लगता है और ग्राहक जब भी चाहे इस सेवा को बंद करा सकते हैं।

ओवरड्राफ्ट के लाभ व नुकसान क्या हैं?

ओवरड्राफ्ट के लाभ व नुकसान निम्नलिखित हैं:


लाभ नुकसान

ओवरड्राफ्ट के लाभ व नुकसान निम्नलिखित हैं:

लाभनुकसान
व्यवसाय के कैश फ्लो के मैनेजमेंट में मदद करता हैअधिक ब्याज दर
तत्काल नकदी की कमी की आवश्यकताओं को पूरा करता हैकेवल बैंक खाताधारकों को ऑफर किया जाता है
ब्याज का भुगतान केवल उपयोग की गई राशि पर किया जाता हैस्वीकार लिमिट आवेदक के फाइनेंस पर निर्भर करती है
शॉर्ट टर्म लोन – हर साल लिमिट बदलती होता हैशॉर्ट-नोटिस पर पैसा निकाला जा सकता है
कम कागज़ी प्रक्रियाब्याज दरों में परिवर्तन के अनुसार ब्याज शुल्क बदलता है
बैंकों को कोई गारंटी देने की आवश्यकता नहीं हैलॉन्ग टर्म फाइनेंस के लिए उपयुक्त नहीं है
छोटे भागों में नकदी का उपयोगडिमांड के समय वापस लिया जा सकता है


सेविंग अकांउट के लिए ओवरड्राफ्ट

प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खोले गए सभी सेविंग अंकाउट 5,000 रु. या पिछले महीने में मौजूदा बैलेंस (जो भी कम हो) की 4 गुना राशि ओवरड्राफ्ट (Overdraft) के रूप में ले सकते हैं। इसके लिए बैंक अकाउंट 6 महीने से एक्टिवेट होना चाहिए और परिवार का केवल एक सदस्य ही इसके लिए योग्य होता है। यह सुविधा परिवार में कमाने वाले सदस्य को ही दी जाती है, विशेषकर महिला। इसमें अकांउट को आधार कार्ड के साथ जोड़ा गया हो।

RBI के निर्देशों के पालन के लिए अकांउट होल्डर के पास दूसरा सेविंग अकांउट भी हो। नाबालिग और KCC (किसान क्रेडिट कार्ड) वाले व्यक्ति इस स्कीम को लेने के लिए मान्य नहीं होते हैं। यहाँ इस सुविधा के लिए वार्षिक फीस देनी पड़ती है। हालांकि, ब्याज दर बेस रेट से 2% से अधिक नहीं हो सकती है। इस सुविधा में कोई प्रॉसेसिंग फीस नहीं लगती है।

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बचत अकांउट के लिए ओवरड्राफ्ट (Overdraft) का दूसरा अच्छा उदाहरण है सिटीबैंक सुविधा बचत अकांउट। इसमें आपको 5 लाख रु. ओवरड्राफ्ट के रूप में मिल सकते हैं। बैंक ब्याज दर के साथ न्यूनतम EMI राशि तय करता है। हालांकि, ग्राहक अपनी सुविधा अनुसार किसी भी समय EMI की राशि को बढ़ाने का चयन कर सकते हैं। इस स्कीम में प्री-पेमेंट फीस शामिल नहीं होती है।

टाइम डिपॉज़िट के लिए ओवरड्राफ्ट

टाइम डिपाज़िट जैसे कि फिक्सड डिपाज़िट के बदले भी ओवरड्राफ्ट (Time Deposit Overdraft) लिया जा सकता है। हालांकि, सभी बैंक इस सुविधा को प्रदान नहीं करते हैं क्योंकि यह केवल बैंक की पॉलसी के अधीन है। देश के पब्लिक सेक्टर बैकों में से SBI, टाइम डिपाज़िट के लिए ओवरड्राफ्ट की सुविधा प्रदान करता है। सभी ग्राहक जिनके पास SBI की किसी भी शाखा में सिंगल/ जॉइन्ट टाइम डिपाज़िट है जैसे कि TDR /STDR और RD जिसमें NRI/ NRO RFC शामिल है वे इस सुविधा को ले सकते हैं। कस्टमर इंटरनेट बैकिंग के द्वारा भी TDR और STDR ओवरड्राफ्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं।

ओवरड्राफ्ट (Overdraft) की राशि को न्यूनतम 25,000 रु. और अधिकतम 5 करोड़ रु. होती है। ओवरड्राफ्ट की राशि टाइम डिपॉज़िट की राशि के 90% से अधिक नहीं हो सकती। भुगतान अवधि को उधारकर्ता की भुगतान क्षमता और ओवरड्राफ्ट की राशि के अनुसार निर्धारित किया जाता है। SBI कोई भी प्रोसेसिंग फीस और प्री-पेमेंट चार्ज नहीं वसूलता है। इस तरह के ओवरड्राफ्ट को सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट भी कहा जाता है।


संबंधित प्रश्न (FAQs)

प्रश्न. ओवरड्राफ्ट पर ब्याज की कैल्कुलेशन कैसे की जाती है?
उत्तर: ओवरड्राफ्ट ब्याज दर की कैल्कुलेश औसत दैनिक बैलेंस विधि द्वारा की जाती है जिसमें प्रत्येक दिन या अवधि के अंत में एक चालू खाते के शेष राशि पर विचार करके ओवरड्राफ्ट ब्याज की कैल्कुलेशन की जाती है।

प्रश्न. बैंकिंग में ओवरड्राफ्ट क्या है?
उत्तर: एक बैंक ओवरड्राफ्ट एक क्रेडिट लाइन है जिसमें बैंक एक लिमिट प्रदान करता है जिसे आपके बैंक खाते की शेष राशि शून्य से नीचे होने पर भी लिया जा सकता है।

प्रश्न. बैंक ओवरड्राफ्ट और बैंक लोन में क्या अंतर है?
उत्तर: बैंक ओवरड्राफ्ट और बैंक लोन के बीच मुख्य अंतर यह है कि ओवरड्राफ्ट में ब्याज दर का भुगतान केवल उपयोग की गई राशि पर किया जाता है, जबकि बैंक लोन में आपको पूरी राशि पर ब्याज दर का भुगतान करना होता है।

प्रश्न. SBI ओवरड्राफ्ट पर ब्याज दर कितनी है?
उत्तर: ओवरड्राफ्ट पर ब्याज बैंक से बैंक में अलग अलग होता है और आवेदक का बैंक और उसकी फाइनेंशियल स्थिरता के साथ संबंध पर निर्भर करता है।

प्रश्न. ओवरड्राफ्ट या पर्सनल लोन में से कौनसा बेहतर है?
उत्तर: दोनों तत्काल नकदी की कमी की स्थितियों को दूर करने के लिए उपयोगी हैं। किसी भी लोन संस्थान द्वारा पर्सनल लोन का लाभ उठाया जा सकता है, हालांकि ओवरड्राफ्ट केवल बैंक से ही लिया जा सकता है, जिसमें आपके पास अपना मौजूदा चालू या बचत खाता है। पर्सनल लोन पर भुगतान की गई ब्याज दर कुल राशि पर होता है, लेकिन ओवरड्राफ्ट के मामले में ब्याज दर का भुगतान केवल उपयोग की गई राशि पर किया जाता है।

प्रश्न. मैं अपना ओवरड्राफ्ट लोन कैसे चुका सकता हूँ?
उत्तर: आप 0% मनी ट्रांसफर कार्ड प्राप्त करके और अपने क्रेडिट कार्ड से अपने चालू खाते में धनराशि ट्रांसफर करके अपने ओवरड्राफ्ट को चुका सकते हैं। आप किसी बैंक से एक  अवधि तय करके या तय समय से पहले ईएमआई या एकमुश्त राशि के रूप में अपनी सुविधा के अनुसार भुगतान कर सकते हैं।

प्रश्न. अगर मैं अपने ओवरड्राफ्ट का भुगतान नहीं कर सकता तो क्या होगा?
उत्तर: यदि आप समय पर ओवरड्राफ्ट राशि चुकाने में असमर्थ हैं, तो बैंक से जुड़े आपके वर्तमान या बचत खाते से बकाया राशि और ब्याज दर की राशि निकाल सकता है।

प्रश्न. ओवरड्राफ्ट के लिए आवेदन करने से क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है?
उत्तर: यदि आप ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए आवेदन करते हैं तो आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ता है। यदि आप समय पर राशि चुकाने में डिफॉल्ट करते हैं या यदि आप तयशुदा सीमा से अधिक हैं तो यह आपके CIBIL स्कोर को प्रभावित करेगा।

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