महिलाओं में बांझपन के लक्षण। ये हैं Infertility के 5 संकेत Female Infertility Causes, symptoms, diagnosis and treatment

Brijesh Yadav
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महिलाओं में बांझपन के लक्षण। ये हैं Infertility के 5 संकेत Female Infertility Causes, symptoms, diagnosis and treatment
महिलाओं में बांझपन के लक्षण। ये हैं Infertility के 5 संकेत Female Infertility Causes, symptoms, diagnosis and treatment

आपने 1-2 महीने तक कोशिश की लेकिन आप प्रेग्नेंट नहीं हो पायीं तो इसका मतलब ये नहीं कि आप इन्फर्टिलिटी का शिकार हैं या आप मां नहीं बन सकतीं। डॉक्टर्स और गाइनैकॉलजिस्ट्स की मानें तो करीब 1 साल तक अनप्रोटेक्टेड सेक्स करने के बाद भी अगर आप प्रेग्नेंट नहीं हो पाती हैं तो इस परिस्थिति को इन्फर्टिलिटी की कैटिगरी में रखा जा सकता है और फिर आपका परेशान होना वाजिब भी है।

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संकेतों से जानें कहीं आप भी तो नहीं इन्फर्टिलिटी के शिकार।

हमारे देश में जब बात इन्फर्टिलिटी या बांझपन की आती है तो ज्यादातर मौकों पर यही समझा जाता है कि दिक्कत महिला में ही होगी, इसीलिए वह बच्चा पैदा नहीं कर पा रही है। लेकिन यह सोच और मानसिकता पूरी तरह से गलत है। भागती-दौड़ती जिंदगी, खानपान की गलत आदतें, गलत लाइफस्टाइल और बढ़ते स्ट्रेस की वजह से पुरुषों में भी इन्फर्टिलिटी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में अगर समय रहते इन्फर्टिलिटी का पता चल जाए तो सही इलाज के जरिए प्रेग्नेंसी के चांसेज को बढ़ाया जा सकता है। हम आपको बता रहे हैं उन संकेतों और लक्षणों के बारे में जिनसे आप जान सकते हैं कि कहीं आप तो नहीं हो रहे इन्फर्टिलिटी का शिकार।

महिलाओं में बांझपन के लक्षण।

1. अनियमित पीरियड्स पीरियड्स साइकल हर किसी का अलग-अलग होता है लेकिन आमतौर पर औसतन एक फीमेल का पीरियड्स साइकल 28 दिनों का होता है। लेकिन अगर आपका साइकल हर महीने अलग-अलग है यानी कभी 35 दिन का तो कभी 25 दिन का या फिर किसी महीने पीरियड्स आए ही नहीं...तो इस स्थिति को अनियमित पीरियड्स कह सकते हैं। ऐसा आमतौर पर हॉर्मोन्स से जुड़ी दिक्कत जैसे पीसीओडी या फिर किसी और बीमारी की वजह से हो सकता है और ये इन्फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

2. सेक्स के दौरान बहुत दर्द होना अगर किसी महिला को सेक्स के दौरान हद से ज्यादा दर्द होता है तो यह सेहत से जुड़ी किसी समस्या का संकेत हो सकता है जो कहीं ना कहीं महिला की फर्टिलिटी को भी प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए अगर किसी फीमेल को फाइब्रॉयड्स की दिक्कत है, वजाइनल इंफेक्शन या फिर एन्डोमेट्रिऑसिस की बीमारी है तो उसे सेक्स के दौरान ज्यादा दर्द होगा और इन्फर्टिलिटी का रिस्क भी बढ़ जाएगा।

3. हेवी पीरियड्स जिसमें दर्द ज्यादा हो पीरियड्स के दौरान थोड़ा बहुत दर्द और क्रैम्प्स होना सामान्य सी बात है लेकिन अगर आपको पीरियड्स के दौरान हद से ज्यादा दर्द हो, क्रैम्प्स हों या फिर आपको नॉर्मल से बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही हो तो ये भी एन्डोमेट्रियॉसिस बीमारी का संकेत हो सकता है जो महिलाओं की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है।

4. मेन्स्ट्रुअल ब्लड का कलर बहुत डार्क या लाइट अगर मेन्स्ट्रुएशन के दौरान आपके ब्लड का कलर नॉर्मल दिनों के मुकाबले ज्यादा डार्क या हल्के रंग का नजर आए तो ये भी आपके लिए चिंता की बात हो सकती है। अगर इस समस्या के साथ-साथ आपको शरीर में कुछ दूसरे लक्षण भी नजर hi आ रहे हों तो आप डॉक्टर से संपर्क कर अपनी फर्टिलिटी की जांच करवा सकती हैं।

5. हॉर्मोन्स में होने वाला बदलाव आपके शरीर में अगर हॉर्मोन्स का बैलेंस बिगड़ भी जाएगा तो आपको तब तक इस बात का पता नहीं चलेगा जब तक आप इसका टेस्ट न करवाएं। लेकिन कुछ बातें और संकेत हैं जिसके जरिए आप जान सकती हैं कि शरीर में हॉर्मोन्स का बैलेंस सही है या नहीं। जैसे- अगर अचानक वजन बढ़ने लगे, बहुत ज्यादा पिंपल्स या मुंहासों की दिक्कत होने लगे, हाथ-पैर ठंडे रहने लगें, सेक्स ड्राइव कम हो जाए, चेहरे पर अनचाहे बाल उगने लगें, बाल गिरने लगें और बेहद पतले होने लगें तो ये सब हॉर्मोन्स में चेंज का संकेत है जिसका संबंध इन्फर्टिलिटी से भी हो सकता है।



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