Period - मासिक चक्र लेट होने के कारण Period kyo late hota hai?

Brijesh Yadav
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Period - मासिक चक्र लेट होने के कारण Period kyo late hota hai?
Period - मासिक चक्र लेट होने के कारण Period kyo late hota hai?


  जिन महिलाओं को अनियमित मासिक चक्र की समस्या रहती है, उन्हें अनियमित ओव्युलेशन का सामना करना पड़ता है। इस कारण उन्हें गर्भधारण करने में अधिक समस्या होती है। जो महिला जितना कम ओव्युलेट करेगी उसके गर्भवती होने की संभावना उतनी ही कम होगी

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Period - मासिक चक्र लेट होने के कारण Period kyo late hota hai?

एंडोमेट्रियोसिस 

 यह महिलाओं से संबंधी एक ऐसा विकार है, जो सीधे तौर पर उनकी प्रजनन क्षमता को बाधित करता है। कारण यह है कि इस समस्या में एंडोमेट्रियल कोशिकाएं (गर्भाशय की कोशिकाएं) गर्भाशय से बाहर की ओर बढ़ने लगती हैं, जो फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का कारण बनती है। इस कारण शुक्राणु और महिलाओं के सक्रिय अंडों का मिलन नहीं हो पाता। इस समस्या में महिलाओं को बार-बार पेशाब महसूस होना, संभोग के दौरान दर्द, मल त्याग में परेशानी जैसे लक्षण महसूस होते हैं 

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ओव्युलेशन की समस्या 

 कई महिलाओं में गर्भधारण न कर पाने का कारण ओव्युलेशन की समस्या होती है। माना जाता है कि कुछ खास आदतों, सर्जरी या फिर हार्मोनल समस्या की वजह से महिलाओं में ओव्युलेशन से संबंधित परेशानी पैदा होती है। जो पूर्ण रूप से बांझपन या गर्भधारण करने में मुश्किल का कारण बनती है 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) 

 यह विकार महिलाओं में असंतुलित हार्मोन के कारण होता है। इस समस्या के कारण ओव्युलेशन की प्रक्रिया प्रभावित होती है। चूंकि ओव्युलेशन की प्रक्रिया गर्भधारण के लिए अत्यधिक जरूरी होती है। इस कारण पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम गर्भधारण में एक बड़ी बाधा का काम करता है


फैलोपियन ट्यूब में रुकावट 

 फैलोपियन ट्यूब में रुकावट गर्भधारण न कर पाने का एक बड़ा कारण होता है। इस स्थिति में निषेचन की प्रक्रिया यानी सक्रीय अंडों का शुक्राणुओं से मिलन नहीं हो पाता। यह समस्या एंडोमेट्रियोसिस, संक्रमण या अनियमित मासिक चक्र के कारण प्रजनन अंग में आने वाली सूजन की वजह से पैदा हो सकती है 

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अंडे संबंधी परेशानी 

 गर्भधारण की प्रक्रिया अंडों की गुणवत्ता पर भी निर्भर करती है। वहीं, महिलाओं में 35 से 40 की उम्र पार करने के बात अंडों की मात्रा और गुणवत्ता कम होने लगती हैं। वहीं, कुछ दैनिक आदतें और खानपान भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार है। इस लिहाज से यह माना जा सकता है कि अगर अंडों की गुणवत्ता खराब होती है, तो इस कारण भी आपको मां बनने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है 

प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन की कमी 

 विशेषज्ञों के मुताबिक, महिलाओं में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन की कमी गर्भधारण की प्रक्रिया को प्रभावित करती है। कारण यह है कि प्रोजेस्ट्रोन ऐसा हार्मोन है, जो महिलाओं में ओव्युलेशन की प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार होता है। वहीं, इसकी कमी महिलाओं में इस प्रक्रिया को धीमा करने का काम करती है। ऐसे में महिला गर्भधारण न कर पाने की जटिलता से झूझती है 


सर्विकल म्यूकस की समस्या 

 सर्विकल म्यूकस एक चिपचिपा पदार्थ है, जो संभोग के दौरान महिला की योनी में बनता है। गर्भधारण कि प्रक्रिया में यह शुक्राणुओं को अंदर आने में मदद करता है, लेकिन संक्रमण के कारण म्यूकस गाढ़ा हो जाता है। इस कारण यह शुक्राणुओं को आगे बढ़ने से रोकता है और गर्भधारण करने में परेशानी होती है

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शुक्राणु संबंधी समस्याएं 

 गर्भधारण के लिए पुरुष के शुक्राणुओं की गुणवत्ता और मात्रा का होना भी अनिवार्य होता है। कुछ पुरुषों में शुक्राणु की मात्रा व गुणवत्ता कम होती है। ऐसे पुरुष को नपुंसकता की श्रेणी में गिना जाता है। इसका मुख्य कारण हार्मोन असंतुलन माना जाता है। ऐसी स्थिति में महिला साथी का गर्भधारण करना नामुमकिन होता है 

थायराइड की समस्या 

 विशेषज्ञों के मुताबिक थायराइडकी समस्या के कारण भी महिलाओं को गर्भधारण करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कारण यह है कि थायराइड की समस्या महिला में मासिक चक्र अनियमितता और ओव्युलेशन की प्रक्रिया को प्रभावित करती है, जो बांझपन के जोखिम कारक हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि थायराइड से पीड़ित महिलाओं को गर्भवती होने के लिए अधिक जटिलताओं का सामना करना पड़ता है


वीर्य नली में रुकावट 

 वीर्य नली में रुकावट भी गर्भधारण की समस्या का एक बड़ा कारण हो सकती है। दरअसल यह नली पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं के मिलाने की प्रक्रिया का मुख्य स्रोत है। इसमें रुकावट आ जाने की स्थिति में वीर्य तो निकलता है, लेकिन उनमें शुक्राणु मौजूद नहीं होते। वहीं, गर्भधारण की प्रक्रिया महिला के सक्रीय अंडों और शुक्राणुओं के मिलन से ही पूर्ण होती है, इसलिए गर्भधारण न कर पाने का यह एक बड़ा कारण है। वीर्य नली में रुकावट के कई कारण हो सकते हैं जैसे – गोनोरिया और क्लेमाइडिया (पुरुष जननांग संबधी संक्रमण) या गुप्तांग में किसी प्रकार की अंदरुनी चोट के कारण

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अन्य कारण

  • अस्पष्टीकृत बांझपन

  •  यह ऐसी समस्या है, जिसमें महिला किसी भी प्रकार की कोई समस्या न होने के बावजूद गर्भधारण करने में असमर्थ रहती है। इस संबंध में की गई जांच में भी किसी पुख्ता समस्या का पता नहीं चला है। कुछ शोध में पाया गया है कि बांझपन की इस अवस्था से पीड़ित लोगों ने विशेषज्ञों के सुझावों के साथ गर्भधारण में सफलता हासिल की है 

  • संयोजन बांझपन

  •  बांझपन की वह स्थिति जिसमें महिला और पुरुष दोनों बांझपन/नपुंसकता के विकार से ग्रस्त हों। ऐसे में गर्भधारण के लिए इलाज के दौरान दोनों साथियों को जांच की सलाह दी जाती है 

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